From the Diary of Anurag ..... Part :: 3 Originally Published on INDIA GOES VIRAL फांसी – एक अलग कहानी 1993 के मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन को नागपुर जेल में 30 जुलाई, 2015 को फांसी दे दी गयी. याकूब को विशेष टाडा कोर्ट ने 27 जुलाई, 2007 को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा और राष्ट्रपति द्वारा भी उसकी दया याचिका खारिज कर दी गयी थी. इस फांसी को लेकर पूरे देश में बवंडर खड़ा हो गया था. नेता, अभिनेता, वकील से लेकर रिटायर्ड जजों ने भी इस फांसी का विरोध किया था. इनमे से कुछ लोग याकूब को फांसी देने का विरोध कर रहे थे तो कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने फांसी की सजा को गैर जरुरी बताते हुए इसको ख़त्म करने की मांग भी उठाई थी. किसी भी आरोपी को दोषी करार देना और उसकी सजा तय करना कोर्ट का अधिकार है लेकिन जहाँ तक फांसी की बात है तो आंकड़े कुछ और ही कहते हैं. अगर हम पिछले 10 सालों की बात करें तो भले की काफी लोगों को फांसी की सजा सुनाई गयी हो लेकिन मात्र 3 लोगों को फांसी दी गयी. इसमें से दो आतंकवादी थे और एक अभियुक्त ना...
Sneak peek into the life of Anurag Agrawal through the lens of Visual Artist-Writer Rishabh aka Painter Babu